Abstract:
आहिम संगीत और संगीत वाद्य अब इतने पररकृत और ववशिष् टीकृत हो चुके हैं कक जीवन के सामान्द य काययकलापों में उनकी जडें खोजने के बजाय हम प्राय: बबना प्रमाण के उन्द हें ज् यों का त् यों स् वीकार कर लेते हैं। लेककन अगर सामाजजक ववकास के गहरे संबंधों और वाद्यों से संगीत के नजिीक ररश् तों को समझना है तो इस पर हमें कुछ अधधक धचंतन करना होगा और इस क्षेत्र में जॉंच िुरू करते ही हम पाते है कक संगीत और संगीत वाद्य िोनों का आरंभ मानव की गैर-संगीतात् मक गततववधधयों में तछपा पडा है।