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dc.contributor.authorवर्मा, डॉ सरला-
dc.date.accessioned2016-12-15T04:59:54Z-
dc.date.available2016-12-15T04:59:54Z-
dc.date.issued2010-08-12-
dc.identifier.urihttp://hdl.handle.net/123456789/96-
dc.description.abstractहम शिक्षाविद् प्रत्‍येक बच्‍चे को सभी विषयों की सर्वोत्‍तम शिक्षा देकर उन्‍हें एक अच्‍छा डॉक्‍टर, इंजीनियर, न्‍यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारी बनाने के साथ ही उसे एक अच्‍छा इंसान भी बनाना चाहते है क्‍योंकि सामाजिक ज्ञान के अभाव में जहाँ एक ओर बच्‍चा समाज को सही दिशा देने में असमर्थ रहता है तो वहीं दूसरी ओर वह गलत निर्णय लेकर अपने साथ ही अपने परिवार, समाज, देश तथा विश्‍व को भी विनाश की ओर ले जाने का कारण भी बन जाता है। इसलिए प्रत्‍येक बच्‍च्‍ो को सर्वोत्‍तम भौतिक शिक्षा के साथ ही साथ उसे एक सभ्‍य समाज में रहने के लिए सर्वोत्‍तम सामाजिक शिक्षा तथा पर्यावरण शिक्षा की भी आवश्‍यकता होती है ।en_US
dc.language.isoenen_US
dc.subjectपर्यावरणीय शिक्षा’ शिक्षा के माध्‍यम से पर्यावरणीय ज्ञान हैen_US
dc.titleवर्तमान परिप्रेक्ष्‍य में पर्यावरण शिक्षा का शिक्षण एवं समस्‍याएँen_US
dc.typeArticleen_US
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